भ्रष्टाचार और कमीशन खोरी की भेंट चढ़ी नवनिर्मित स्कूल स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल रेवटी पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाई गई यह करोड़ की लागत से स्कूल अभी तक शिक्षा विभाग को बनने के बाद हैंड ओवर तक नहीं किया गया जहां इसके दुर्दशा देखी जा सकती है।
हालांकि स्कूल को विभाग को अभी तक बनने के बाद हैंडोवर इस वर्ष नहीं किया जा सका है। इसके बावजूद भी व्यवस्था को देखते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा इस भवन में स्कूल का संचालन किया जा रहा है।
जिसकी पहली बरसात में ही स्वामी आत्मानंद स्कूल की इस रहस्यमई बनावट का पोल खुलने लगा है। पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाए गए करोड़ों की लागत से यह स्कूल बनकर तैयार तो हो गई मगर पहली बरसात में स्थिति इतनी बढ़ से बत्तर देखी जा सकती है।
बरसात के पानी पूरे छत पर जमा हो रहे हैं और इसी पर जगह-जगह देखी जा सकती है। इसके बावजूद दीवारों के प्लास्टर झाड़ रहे हैं। साफ तौर पर देखा जा सकता है कि इतना गुणवत्ता विहीन यह कार्य हुआ है। जिसको छूने मात्र से भरभरा कर ज़मीन में गिर जा रहा पहले भी इसका विरोध ग्रामीणों ने किया था मगर ठेकेदार और अधिकारी की मिली भगत से समझौता कर चढ़ा दिया भष्टाचार का भेंट । और तो और यह स्कूल एस्टीमेट के विपरीत बना और दीवारों में सीमेंट के जगह सिर्फ और सिर्फ मिट्टीदार बालू और घटिया किस्म के ईट के साथ पदार्थ में भी घपला कर दिया गया। जो प्लास्टर जगह-जगह से क्रैक एवं भरभरा कर गिर रहे हैं।
बनने के साथ स्कूल की इस तरह के दुर्दशा देख स्कूल संचालित हो रहे और यह घटिया बिल्डिंग में परिजन अपने बच्चों को स्कूल भेजने में कतरा रहे हैं जिसका सोशल मीडिया में वीडियो बनाकर जमकर सरकार की आलोचना की जा रही है वहीं शिक्षा विभाग के ऊपर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं
विभागीय अधिकारी एवं पीडब्ल्यूडी के अधिकारी सहित ठेकेदार की मिली भगत से यह भ्रष्टाचार शिक्षा के मंदिर में इस तरह की दुर्दशा देख जाने पर लोगों में आक्रोश है।
ग्रामीणों का कहना है कि कल के दिन अगर किसी प्रकार का कोई घटना घटना है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए जहां छत्तीसगढ़ सरकार स्कूलों का निर्माण कर रहे हैं वही अधिकारी ठेकेदार भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिए हैं वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारी भी इस और किसी प्रकार का ध्यान नहीं देने की वजह से साफ तौर पर जाहिर होता है कि स्कूल निर्माण में किस तरह का अमानत सामग्री का इस्तेमाल करते हुए उक्त स्कूल का निर्माण कर दिया गया।जहां ग्रामीणों ने इस विषय में कड़ी कार्रवाई करने का बात करते हुए बच्चों को सुरक्षित किए जाने की मांग किए हैं
इस विषय में विकासखंड शिक्षा अधिकारी एम एस ध्रुव ने कहा कि स्कूल निरीक्षण करते हुए शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाएगा और ठेकेदार पर कार्यवाही करने की अनुशंसा की जाएगी जब तक से स्कूल का मरम्मत या गुणवत्ता सहित ढंग से जांच करवाई नहीं होती है तब तक से स्कूल का हेड ओवर नहीं लिए जाएगा। स्कूल लगने की बात पर उन्होंने कहा कि उनको नहीं मालूम था कि इस तरह की स्कूल में कमियां है जगह कम पड़ने की वजह से स्कूल का संचालन use किया जा रहा था।।