सूरजपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी शक्ति ऋण योजना, जिसका उद्देश्य महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाओं को स्वरोजगार के लिए 25,000 रुपये का बिना गारंटी ऋण प्रदान करना है, अब विवादों के घेरे में आ गई है। सूरजपुर जिले के छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक, शाखा केवरा (प्रतापपुर) में शाखा प्रबंधक पर लापरवाही और मनमानी का गंभीर आरोप लगा है। स्थानीय ग्रामीणों ने दावा किया है कि पात्र महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा, जिससे उनकी आर्थिक और मानसिक परेशानियां बढ़ रही हैं।
महतारी शक्ति ऋण योजना का लक्ष्य ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। इस योजना के तहत, महतारी वंदन योजना की लाभार्थी महिलाएं, जिनका खाता राज्य ग्रामीण बैंक में है, आसानी से 25,000 रुपये का ऋण प्राप्त कर सकती हैं। यह राशि छोटे-मोटे व्यवसाय शुरू करने में सहायक है, जिससे ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। हालांकि, केवरा शाखा में इस योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक नहीं पहुंच रहा।
ग्रामीणों का आरोप:
शाखा प्रबंधक की लापरवाही बनी बाधा
स्थानीय ग्रामीणों ने शाखा प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि कई महीनों से आवेदन जमा करने के बावजूद उन्हें ऋण नहीं मिल रहा। ग्रामीणों का कहना है कि शाखा प्रबंधक बार-बार दस्तावेजों में त्रुटि, स्टांप की कमी, होम विजिट, या उद्यम पंजीयन जैसे बहाने बनाकर आवेदकों को वापस भेज देता है। इससे महिलाओं को बार-बार बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं, जिससे उनकी समय और धन की बर्बादी हो रही है।
एक ग्रामीण महिला ने बताया, “हमने कई महीने पहले फॉर्म भरा था, लेकिन हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर हमें लौटा दिया जाता है। कभी कहते हैं स्टांप खत्म है, कभी दस्तावेज में कमी बताते हैं। इससे हमारी परेशानी बढ़ रही है।”
उठ रहे हैं गंभीर सवाल
ग्रामीणों ने कई गंभीर सवाल उठाए हैं:
1. यदि महतारी शक्ति ऋण योजना का लाभ महतारी वंदन योजना की पात्र महिलाओं को मिलना तय है, तो शाखा प्रबंधक द्वारा उनका अधिकार क्यों छीना जा रहा है?
2. बैंक में विशेष स्टांप, जो बैंकिंग कार्यों के लिए आवश्यक है, पिछले चार-पांच महीनों से क्यों उपलब्ध नहीं है? क्या शाखा प्रबंधक इस व्यवस्था में असफल हैं?
3. यदि दस्तावेजों में त्रुटि है, तो बैंक कर्मचारी तत्काल जांच कर आवेदकों को क्यों नहीं सूचित करते? समयसीमा निर्धारित क्यों नहीं की जाती, ताकि महिलाओं को बार-बार
बैंक के चक्कर न काटने पड़ें?
ग्रामीणों की मांग:
शाखा प्रबंधक पर हो सख्त कार्रवाई
शाखा प्रबंधक के कथित लापरवाह और तानाशाही रवैये से त्रस्त ग्रामीणों ने प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को सही तरीके से लागू नहीं किया जाएगा, तो ग्रामीण महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण सिर्फ कागजों तक सीमित रह जाएगा।
क्या कहती है योजना?
महतारी शक्ति ऋण योजना को वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने लॉन्च किया था, जिसे राज्य ग्रामीण बैंक मॉनिटर करता है। योजना के तहत पात्र महिलाओं को बिना गारंटी के 25,000 रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है, जिसका ब्याज दर ग्रामीण सहकारी बैंक द्वारा निर्धारित होता है। योजना का लाभ लेने के लिए महिलाओं का छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना, राशन कार्ड में मुखिया होना, और महतारी वंदन योजना का लाभार्थी होना अनिवार्य है।
आगे क्या?
अब सवाल यह है कि क्या शासन-प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेगा और शाखा प्रबंधक की कथित लापरवाही पर कोई ठोस कदम उठाएगा? या फिर ग्रामीण महिलाएं सरकारी योजना के लाभ से वंचित रहेंगी और शाखा प्रबंधक की मनमानी चलती रहेगी? ग्रामीणों की नजर प्रशासन के अगले कदम पर टिकी है।
नोट: यह समाचार लेख उपयोगकर्ता द्वारा प्रदान की गई जानकारी और उपलब्ध वेब स्रोतों पर आधारित है।