जजावल सड़कों की हालत बदहाल, बरसते पानी में तालाब में तब्दील हुई सड़क, जिम्मेदारों की चुप्पी, लोगों में पनप रहा आक्रोश
बीते दिनों मुसाफिरों से भरी दुर्गा बस हादसे का शिकार होते-होते बाल बाल बची नहीं तो हो सकती थी बड़ा घटना
सूरजपुर। विकासखंड प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम चिकनी जजावल में जोड़ने वाली मुख्य मार्ग की स्थिति बदहाल जहां एक बार फिर सड़कों की हालत ने सिस्टम की पोल खोल दी है, सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे दे रहे हैं हादसे को दावत जहां बरसात के पानी में जगह जगह सड़क तालाबो में हो गई है तब्दील, और मौत के साए से गुजर रहे राहगीर, वही बीते दिनों दुर्गा बस गुजर ही रहा था कि अचानक बस के पहिए सड़क से नीचे उतर गए जहां ड्राइवर की सूझबूझ से बाल बाल बचा लोगो की जिंदगी नहीं तो सख्ते आ सकते थे मुसाफिर फिर भी जिम्मेदार शासन प्रशासन चुप्पी और और लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ यह सिस्टम पर बड़ा प्रश्न चिन्ह है बिल्कुल अनसुलझी पहेली की तरह लग रहा देख तो सभी रहे है मगर समस्या का समाधान नहीं करना।
जरा गौर से देखिए इन बदहाल सड़कों की वो तस्वीर जो चीज कर अपनी दुर्दशा बयां कर रहा है जिसने लचर सिस्टम और जिम्मेदार अधिकारियों की सारी पोल खोल दी है,, बरसात के मौसम पर तालाब में तब्दील हुए, बदहाल सड़कों की ये तस्वीर सब बयां कर रही है कि कैसे जिम्मेदारों ने इन सड़कों की बदहाल स्थिति की ओर देखने की कोशिश भी नहीं कर रहे आखिर कियू जजावल जाने वाली सड़क बत्त से बत्तर हो चुका है, सड़कों के बड़े-बड़े गड्ढे बरसात के मौसम में तालाब में तब्दील हो चुके हैं, कभी भी यहां अप्रिय घटना घट सकती हैं।
आपको बता दे कि बदहाल सड़कों की यह हालत केवल जजावल तक समिति नहीं प्रतापपुर कई ग्रामीण क्षेत्रों में सड़को की स्थिति बत्त से बत्तर है। कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी लोग कच्ची गड्ढानुमा सड़कों पर आवागमन करते है। क्योंकि मजबूरी है जहां सड़कों को लेकर सरकार तो बड़े-बड़े दावे करते नजर आते हैं और नई सड़क निर्माण व सड़क मरम्मत के लिए करोड़ों रूपए पैसे पानी की तरह बहा रही हैं मगर विभागीय जिम्मेदार अधिकारियों के कारनामों के चलते जनता आज तक अच्छी सड़कों से वंचित रह जाते हैं और मौत के साए में बदहाल सड़कों पर चलने को मजबूर है।
अब देखना यह होगा की खबर प्रकाशन के बाद क्या जिले के जिम्मेदार अधिकारी इस तरीके से बदहाल सड़कों की निर्माण व मरम्मत करवाते है अथवा नहीं यह देखने वाली बात है। क्योंकि स्थानीय ग्रामीणों को शासन प्रशासन की ओर से आश्वासन तो जरूर मिलता है मगर धरातल पर कुछ नहीं करते सड़कों को उनके हाल में छोड़ देते है, आख़िर लोगों के जान के साथ विभाग किस प्रकार और कबतक खिलवाड़ करेगी या निर्माण कराएगी यह अब देखने वाली बात है।