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7 एकड़ बंगाली जमीन विवाद: पोते ने लगाई न्याय की गुहार, तहसीलदार पर गंभीर आरोप

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अपने ही दादा की संपत्ति के लिए न्याय की गुहार लगा रहा पोता 

संजयनगर के 7 एकड़ बंगाली जमीन विवाद का है मामला 

तहसीलदार पर बिना जांच किए एफआईआर प्रतिवेदन तैयार करने का लग रहा आरोप 

सूरजपुर। आय दिन दैनिक समाचार पत्रों सहित डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आने वाले संजयनगर बंगाली जमीन विवाद का मामला धीरे धीरे तुल पकड़ते जा रहा है। दस्तावेजों के आधार पर असली भू स्वामी होने का दावा करने वालों पर एक ओर जहां एफआईआर दर्ज कर दी गई है वहीं दूसरी ओर कब्जाधारी के खिलाफ में उसके परिजन और ग्रामीण खड़े नजर आए। जिसके कारण कारण NH 43 पर स्थित 7 एकड़ की बेशकीमती जमीन इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है।

दअरसल पूरा मामला जिले के लटोरी तहसील क्षेत्र अन्तर्गत ग्राम पंचायत संजयनगर का है जहां राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित 7 एकड़ का बंगाली जमीन को लेकर है।

गौरतलब है कि 1955 – 60 के दशक के आसपास बांग्लादेशी शरणार्थियों के पुनर्वास के लिए तत्कालीन सरकार द्वारा सर्वे सूची जारी की गई थी जिसमें कन्हाई लाल का नाम का भी उल्लेख है। सूत्रों के अनुसार 1990 के आसपास कन्हाई लाल को खसरा नंबर 417, 418 एवं 420 को मिलाकर कुल 7 एकड़ जमीन का पट्टा भी दिया था। जिसके आधार पर उनके परिजन भू स्वामी होने का दावा कर रहे हैं।

विवाद की वजह 

इधर कन्हाई लाल के परिजनों ने बताया कि 1972 – 73 के आसपास कन्हाई लाल को अपने परिवार को वापस लाने के लिए बंगाल जाना था इसके लिए उन्होंने मनेंद्र नाथ मित्रा ( जो कि वर्तमान में कब्जाधारी महादेव मित्रा के पिता थे) उनसे 250 रु उधार लेकर 7 एकड़ जमीन को इस शर्त पर गिरवी दे दिया कि वापस आकर 250 रु देने के बाद उसकी जमीन को मनेंद्र नाथ मित्रा वापस कर देंगे। इसके लिए दोनों ने आपसी सहमति से शपथ पत्र भी बनवाया। इसके बाद लगभग 2 साल के बाद जब कन्हाई लाल वापस आए और अपनी जमीन को वापस मांगा तो मनेंद्र नाथ मित्रा ने जमीन वापस देने से मना कर दिया। फिर क्या था ? इस जमीन को लेकर विवाद वहीं से शुरू हो गया।

हस्ताक्षर को लेकर सरपंच के बयान पर ग्रामीण कर रहे संदेह

इसके कुछ साल बाद कन्हाई लाल की मृत्यु हो गई। और उनका बड़ा बेटा सुधीर दास जो कांकेर जिले के पखांजूर में रहते थे उनकी भी मृत्यु हो गई। इसके बाद सुधीर दास के पुत्र द्वारा अपने दादा के मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने का पहल किया गया। कन्हाई लाल के मृत्यु की पुष्टि के लिए ग्रामवासियों के हस्ताक्षर सहित पंचनामा तैयार किया गया जिसमें संजयनगर सरपंच सुमारी के हस्ताक्षर भी हैं। हालांकि बाद में सुमारी द्वारा जानकारी न होने और हस्ताक्षर न करने की बात भी निकल कर आ रही है जिसे ग्रामीणों में संदेह उत्पन्न हो रहा है।

तहसीलदार पर बिना जांच प्रतिवेदन तैयार करने का लग रहा आरोप

सूत्रों के अनुसार इसी बात को चुनौती देते हुए कब्जाधारी महादेव मित्रा द्वारा आपत्ति दर्ज कराई गई।उधर कन्हाई लाल के परिजनों ने बताया कि महादेव मित्रा के आपत्ति के आधार पर लटोरी तहसीलदार सुरेन्द्र पैंकरा ने बिना गंभीरता से जांच किए जल्दीबाजी में मृत्यु प्रमाण को खारिज कर कन्हाई लाल के पोते दिलीप दास और उनके मुख्तियार खास धनंजय मण्डल सहित सरपंच सुमारी के खिलाफ प्रतिवेदन तैयार कर जयनगर थाने में प्रस्तुत कर दिया गया। जिसके आधार पर इन तीनों के खिलाफ धारा 420 एवं 120 का मामला दर्ज कर दिया गया है।

सरगुजा कमिश्नर से की जा रही न्याय की मांग

 सभी घटनाक्रम के बाद कन्हाई लाल के परिजन काफी व्यथित और परेशान होकर सरगुजा कमिश्नर से न्याय की गुहार लगा रहे हैं।

कब्जाधारी के परिजन और ग्रामीण दिलीप दास के पक्ष में

इधर कब्जाधारी महादेव मित्रा के परिजनों और ग्रामीणों द्वारा उस 7 एकड़ जमीन का असली मालिक दिलीप दास को बताया जा रहा है।

आने वाले समय में इस बहुचर्चित जमीन विवाद की जांच होगी या नहीं होगी और इस जमीन को असली वारिश मिलेगा या नहीं यह तो देखने वाली बात होगी।

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