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सूरजपुर: तहसीलदार कार्यालय का बाबू ₹25000 की रिश्वत लेते ACB के हत्थे चढ़ा

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ACB की कार्रवाई से तहसील कार्यालय में मचा हड़कंप

शिकायतकर्ता की सूचना पर ACB ने रची जाल और की सफल गिरफ्तारी

सूरजपुर, छत्तीसगढ़। सूरजपुर तहसील में आज एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया, जब एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने तहसील में पदस्थ बाबू जुगेशबर राजवाड़े को 25000 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई तब हुई जब धनेश्वर राम पैकरा, जो केशवनगर ग्राम पंचायत के निवासी हैं, ने जमीन के नामांतरण के लिए बाबू से रिश्वत मांगने की शिकायत की थी।

धनेश्वर राम पैकरा ने बताया कि अपने पुत्र व पुत्री के नाम पर स्वेच्छा से की गई जमीन को पुनः अपने नाम पर नामांतरण कराने के लिए उन्होंने सूरजपुर तहसील में आवेदन दिया था। इस दौरान, जुगेशबर राजवाड़े ने प्रारंभ में एक लाख रुपए की राशि की मांग की थी, जिसे धनेश्वर ने देने में असमर्थता जताई। इसके बाद रिश्वत की राशि को घटाकर 25000 रुपए कर दिया गया।

धनेश्वर ने कहा, “मैंने जुगेशबर राजवाड़े के खिलाफ शिकायत की थी, क्योंकि बिना पैसे दिए मेरी समस्या का समाधान नहीं हो रहा था। मैंने 17 जुलाई को ACB में शिकायत दर्ज कराई थी। आज की कार्रवाई से मुझे उम्मीद है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।

इस घटना ने सूरजपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत को और अधिक गंभीरता से सामने लाया है। स्थानीय नागरिकों का मानना है कि सरकारी कार्यालयों में रिश्वतखोरी आम हो गई है, जो विकास और न्याय के मार्ग में रुकावट डालती है।

इस मामले में जुगेशबर राजवाड़े को गिरफ्तार करने के बाद ACB द्वारा आगे की पूछताछ जारी है और उम्मीद की जा रही है कि इस कार्रवाई से अन्य भ्रष्ट अधिकारियों में डर पैदा होगा।

सारांश: सूरजपुर के जुगेशबर राजवाड़े की गिरफ्तारी ने दर्शाया है कि सरकारी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। धनेश्वर राम पैकरा की शिकायत ने इस कार्रवाई को संभव बनाया, जिससे भ्रष्टाचार के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सकेगी। ACB के प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि ऐसे मामलों में और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिससे प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित हो सके।

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