पहिया राशन वितरण में गड़बड़ी, लोगों में नाराजगी, जांच कर कार्यवाही की मांग
छत्तीसगढ़ शासन के आदेशो को ठेंगा दिखाता शासकीय उचित मूल्य दुकान का पीडीएस सचालक
सूरजपुर/प्रतापपुर
जनपद पंचायत प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पहिया में गरीबों का निवाला छीन रहे पीडीएस संचालक, मनमानी और भ्रष्टाचार के वजह से ग्राम पंचायत पहिया में राशन वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है जहां ग्रामीणों को राहत व सुविधा के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से 3 महीने की राशन देने का सख्त निर्देश दिया गया वहीं शासकीय उचित मूल्य दुकान ग्राम पहिया में ग्रामीणों को 3 महीने का राशन देने के बजाय सिर्फ 2 महीने का राशन दिया गया। जिसको लेकर ग्रामीणों में काफी निराशा और नाराजगी देखी जा रही है। वही सोसायटी संचालक के ऊपर ग्रामीणों का आक्रोश और शासन प्रशासन की निगरानी नहीं होने के कारण गरीबों का हक मारने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों मेंं काफ़ी नाराजगी है
पीडीएस संचालक की मनमानी से लोग परेशान ,पुराने राशन कार्ड में किया जा रहा एंट्री, बड़े घोटाले की आशंका
लोगों से मिली जानकारी के अनुसार पता चला सोसाइटी लॉस में है इसलिए रिकवर करने एक महीने का राशन रोका गया है बाद में इसकी भरपाई कर दिया जाएगा आखिर ऐसी नौबत ही क्यों आई जहां लोगों के हक को मारकर लॉस की भरपाई किया जा रहा है। ग्रामीणों के राशन कार्ड को देखने और पूछने पर पता चला अधिकांश राशन कार्ड का तो नवीनीकरण ही नहीं किया गया जो चीख चीख कर बड़े घोटाले की आशंका को बढ़ा रहा है ग्रामीणों ने बताया कि बहुत कम लोगों का राशन कार्ड नवीनीकरण किया गया है अधिकांश पुराने कार्ड में ही लिखा जा रहा है जहां पर कुछ पता नहीं चलता सामग्री एवं मूल्यो की कहां पर लिखा गया और कब दिया गया है जो संचालक की बड़ी लापरवाही है अगर निष्पक्ष रूप से जांच किया गया तो कई मामले उभरकर सामने आएगी।
इसको देखते हुए अब तो सभी सुसाइटियों में भौतिक सत्यापन कर जांच किया जाना चाहिए हर जगह चावल घोटाले सामने आएगी एक-एक सोसायटी में लाखों लाख रुपए के घोटाले हो सकती है घोटाला जो सीधे शासन प्रशासन के पैसों का दोहन कर आर्थिक रूप से क्षति किया जा रहा है ऐसा नहीं कि विभागीय अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं जानकारी होने के बाद भी कागजी कार्यवाही कर फाइल पेंडिंग में डालकर गड़बड़ करने वालों से मिलकर मामले को दबा दिया जाता है। सबसे बड़ी बात यह है कि चावल घोटाला और समितियां में शॉर्टेज होने के बाद भी जांच के नाम से सरकार को किस तरह से चूना लगाते हैं जिसका जीता जागता सबूत फाइल देखने से पता चलता है जिनका कई कई साल तक आरोप सिद्ध होने के बाद भी आज तक रिकवरी नहीं हो पाना ना किसी प्रकार से कार्यवाही होना जिसकी वजह से सोसाइटी संचालकों के हौसले बुलंद है।
लापरवाही आखिर कैसे जानिए …?
ग्रामीणों के साथ इसीलिए की गांव के लोग बहुत भोले भाले होते हैं इसी का फायदा पीडीएस संचालक उठा रहे है क्योंकि पहिया ग्राम जो चारों तरफ से पहाड़ों और वनों से घिरा हुआ गांव है जहां के लोग अधिकांश खेती किसानी कर अपनी जीविका चलाते हैं और आश्रित है ना वहां कोई आवाज उठाने वाला ना ही कोई सुनने वाला अब मामला उजागर होने के बाद पीडीएस संचालक के ऊपर क्या कुछ कार्रवाई किया जाता है ये देखने वाली बात होगी
इस विषय में प्रतापपुर एसडीम ललिता भगत ने कहा
मामला संज्ञान में आया है फूड इंस्पेक्टर से चर्चा कर मौका जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश देती हूं तथा ग्रामीणों का बयान दर्ज किया जाएगा