श्री सत्य साईं प्रेम प्रवाहिनी रथ का कोयलांचल में नगर भ्रमण, श्रद्धा और भक्ति में डूबे नगरवासी
आंध्रप्रदेश के पुट्टपरति आया है दिव्य रथ
सूरजपुर/बिश्रामपुर। श्री सत्य साईं बाबा के 100वें जन्मोत्सव को समर्पित शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सत्य साईं सेवा संगठन, भारत द्वारा देशभर में अनेक आध्यात्मिक व सेवा कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में आंध्रप्रदेश के पुट्टपरति स्थित प्रशांति निलयम से पांच दिव्य रथ निकाले गए हैं, जो देश के उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और मध्य क्षेत्रों का भ्रमण कर रहे हैं।
इन्हीं में से मध्य भारत का “श्री सत्य साईं प्रेम प्रवाहिनी रथ” बीते शनिवार को सूरजपुर जिले के कोयलांचल बिश्रामपुर पहुंचा, जहां इसका भव्य स्वागत किया गया। नगर में रथ यात्रा के दौरान श्रद्धालु भक्तों और नगरवासियों ने विभिन्न स्थलों पर पूजन, फूल वर्षा और आतिशी स्वागत किया।
मानव सेवा ही माधव सेवा — रथ का संदेश
इस दिव्य रथ यात्रा का उद्देश्य “मानव सेवा ही माधव सेवा है” के संदेश को जन-जन तक पहुंचाना है। यात्रा शांति, प्रेम, सद्भावना और स्वाध्यात्मिक चेतना के मूल मंत्र के साथ निकाली जा रही है, जो सभी वर्गों और जातियों के बीच समरसता का संदेश देती है।
नगर के उत्कल समाज द्वारा भक्तजनों के लिए जलपान की विशेष व्यवस्था की गई थी, जिससे श्रद्धालुओं को सेवा और सौहार्द का भाव भी अनुभव हुआ।
अगला पड़ाव अंबिकापुर और फिर वाड्रफनगर
पत्रकारों से चर्चा के दौरान श्री सत्य साईं सेवा संगठन, बिश्रामपुर के प्रमुख संजय पाणिकर ने जानकारी दी कि यह दिव्य रथ 29 जुलाई को अंबिकापुर पहुंचेगा और 30 जुलाई को वाड्रफनगर रवाना होगा। इसके पश्चात इसे उत्तर प्रदेश के सत्य साईं सेवा संगठन को सौंप दिया जाएगा।
रथ यात्रा का संदेश
यह रथ यात्रा एक आध्यात्मिक जागरूकता का प्रतीक बन चुकी है, जो न केवल धार्मिक आस्था को मजबूती दे रही है, बल्कि समाज में सेवा और एकता की भावना भी प्रसारित कर रही है।