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शिक्षा प्रबंधन की बड़ी लापरवाही पूर्व माध्यमिक शाला केवरा में नहीं फहरा आजादी का राष्ट्रीय तिरंगा

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शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही: केवरा पूर्व माध्यमिक स्कूल में 15 अगस्त को नहीं फहराया राष्ट्रीय ध्वज
शिक्षा प्रबंधन की बड़ी लापरवाही पूर्व माध्यमिक शाला केवरा में नहीं फहरा आजादी का राष्ट्रीय तिरंगा
स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणों में आक्रोश ,कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग।
सूरजपुर/प्रतापपुर। जिले के विकासखंड प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत केवरा में संचालित पूर्व माध्यमिक स्कूल में 15 अगस्त का झंडा नहीं फहराया गया न हीं स्कूल का ताला खोला गया जिसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित स्थानिय ग्रामीणों में काफी आक्रोश है। कह रहे 15 अगस्त हो या 26 जनवरी सभी में सम्मानपूर्वक झंडा फहराया जाता सलामी के साथ राष्ट्रगान गाया जाता है लेकिन इस बार ही ऐसा हुआ की मिडिल स्कूल में झंडा नहीं फहराया गया जिसमें शिक्षा प्रबंधन की बड़ी लापरवाही मानी जा रही।
आजादी के इस महापर्व पर जहां 15 अगस्त 1947 में हमारा देश आजाद हुआ और भारत देश को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी, इसलिए इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन ऐसा लग रहा मानो शिक्षा विभाग को हमेशा सुर्खियों में रहना पसंद है देश को आजाद हुए इतने वर्ष हो गया लेकिन शिक्षा विभाग में कोई सुधार नहीं हो रहा।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के मॉनिटरिंग पर उठ रहा सवाल ?
इनका कार्य प्रणाली हमेशा अखबारों की सुर्खियो में बनी रहती है अब तो इनके निगरानी और कार्य प्रणाली पर बड़ा प्रश्न चिन्ह इनके विकासखंड के अंतर्गत स्कूल में झंडा नहीं फहराया गया और इनको पता भी नहीं अब तो हद हो गई साहब इतनी बड़ी लापरवाही शायद ही देखने को मिलती है
भारत के कोने-कोने में आजादी का परचम बुलंदी से फहराया और लहराया जाता है। इस बार किसके आदेश पर स्कूल में नाही झंडा फहराया गया ना ही स्कूल का ताला खुला जो अब जांच का विषय है आजादी के इस महापर्व में शासकीय सहित अर्धशासकीय छोटे बड़े संस्थानों में बड़े हर्षोल्लास के साथ आजादी का पर्व मनाया जाता है लेकिन शिक्षा प्रबंधन के लापरवाही से कहीं ना कहीं राज्य की सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़ा कर दिए?
इस विषय में ग्राम पंचायत केवरा के स्थानीय जनप्रतिनिधि सहित ग्रामीणों से जानकारी चाही गई
उन्होंने कहा इस तरह शिक्षा प्रबंधन की लापरवाही बर्दाश्त करने योग्य नहीं है शिक्षा विभाग इसको गंभीरता से संज्ञान में ले और उच्च स्तरीय जांच करते हुए जो भी जिम्मेदार हो उनपर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करें नहीं तो बाध्य होकर बड़ा जन आंदोलन करने को ग्रामवासी मजबूर होंगे।।

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