शासकीय स्कूलों में घटती दर्ज संख्या पर उठे सवाल, प्रदेश सरकार से शिक्षा व्यवस्था सुधारने की मांग
सूरजपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश के कई जिलों में शासकीय स्कूलों में बच्चों की घटती दर्ज संख्या को लेकर शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव दीपन मानिकपुरी ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
मानिकपुरी ने कहा कि प्रदेश के कई जिलों में शासकीय स्कूल या तो बंद हो गए हैं या बंद होने की कगार पर हैं। प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं में बच्चों की संख्या लगातार घट रही है। उन्होंने प्रश्न उठाया कि आखिर शासकीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर क्यों गिर रहा है और गरीब परिवारों के बच्चों के भविष्य को अंधकार की ओर क्यों धकेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जहां प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है वहीं शासकीय स्कूलों में बहुत ही कम छात्र नामांकित हो रहे हैं। क्या इसका कारण यह है कि शासकीय स्कूलों में पढ़ाई का स्तर संतोषजनक नहीं है? क्या बच्चों को बेहतर पढ़ाई और सुविधाएं केवल निजी स्कूलों में ही मिल रही हैं?
प्रदेश सचिव ने सरकार से मांग की कि इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ठोस कदम उठाए जाएं। शासकीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार कर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई जाए, ताकि गरीब परिवारों के बच्चे भी बेहतर भविष्य बना सकें।
मानिकपुरी ने कहा कि यदि शिक्षा की इस स्थिति पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में शासकीय स्कूलों के अस्तित्व पर ही संकट खड़ा हो जाएगा। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की कि शिक्षा व्यवस्था को प्राथमिकता में रखकर सुधारात्मक कदम उठाए जाएं।