ग्राम पंचायत गौरा : हाथी के हमले से महिला की दर्दनाक मौत से,सहमा गांव
परिजन सहित स्थानीय ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप।
जाहिद अंसारी संवाददाता
सूरजपुर प्रतापपुर —जिले के वन परिक्षेत्र प्रतापपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत गौरा निवासी सुबासो जाती पनिका 50 वर्षीय महिला को हाथियों ने कुचलकर उतारा मौत के घाट किया शव को छत विक्षत देखकर सहमे गांव के लोग
स्थानीय ग्रामीणों की माने रात के लगभग 2:00 बजे के आसपास 25 हाथियों का दल ग्राम पंचायत गौरा के बीच बस्ती में घुसे और घर को अचानक ढहाने लगे जिसकी आवाज सुनकर घर में सो रहे हैं मां और मानसिक रूप से कमजोर बेटे ने भागने का प्रयास किया लेकिन महिला हाथियों के चपेट में आ गई और घर से महज 20 कदम दूर हाथियों कुचलकर महिला को दर्दनाक मौत की घाट उतार दिया।
घटना के तुरंत बाद स्थानीय ग्रामीणों द्वारा वन विभाग को मोबाइल फोन के जरिए सूचना दिए लेकिन घटनास्थल पर ना तो वन विभाग की जिम्मेदार अधिकारी पहुंचे ना उनके कर्मचारी जिसको लेकर स्थानीय ग्रामीणों में काफी आक्रोश देखने को मिला, मौके पर पहुंचे प्रतापपुर थाना के स्टाफ सहित वन विभाग अधिकारी कर्मचारीयो को सैकड़ो की संख्या में मौजूद आक्रोशित ग्रामीणो का घंटों नोक झोक का सामना करना पड़ा
गांव वालों ने वन विभाग पर लगाया लापरवाही का आरोप।
कहा वन विभाग के द्वारा गांव में जब हाथी प्रवेश करता है तो किसी प्रकार से कोई सूचना नहीं दिया जाता है जिसके कारण हम गांव वालों को यह दर्दनाक दिल दहला दहला देने वाली घटना देखने को मिल रहा फोन करने पर भी विभाग फॉरेस्ट बिट कार्ड फोन उठा कर हम गांव वालों के बात को गंभीरता से ना लेकर टालमटोल करते हैं और कहा जब हाथी हमारे गांव में आता है तो बिजली गोल कर दिया जाता है जिससे हम गांव वालों को काफी परेशानी होती है और रात के अंधेरे में हाथी किस तरफ से हमला कर दे पता नहीं चलता और हम गांव वालों को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है।
परिजन सहित स्थानीय ग्रामीणों की मांग।
तत्काल मुआवजा सहित एक व्यक्ति की नौकरी की मांग किए ताकि घर में रह रहे मानसिक रूप से कमजोर व्यक्ति का भरण पोषण हो सके क्योंकि मां के मृत्यु हो जाने पर वह बेसहारा हो गया है शासन प्रशासन घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कोई निष्कर्ष निकाले ताकि गांव के लोग खुद को सुरक्षित और चैन से रह सकें क्षेत्र में इस तरह से दर्दनाक घटना न घट सके इस ओर शासन प्रशासन को कोई ठोस कदम उठाते हुए लोगों के सुरक्षा का पुख्ता है इंतजाम करें क्योंकि कब तक भोले भाले ग्रामीण लोगों जान जाती रहेगी।