सूरजपुर, 08 अक्टूबर 2024 । 7 से 11 अक्टूबर तक विश्व मानसिक स्वास्थ्य जन जागरुकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष की थीम “It is time to prioritize mental health in the workplace” जिसके अंतर्गत विभिन्न जन जागरुकता के लिये कार्यकम किये जा रहे है।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पहली बार 10 अक्टूबर 1992 को वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ के आहृवन पर मनाया गया था तब से लेकर आज तक प्रतिवर्ष यह मानसिक स्वास्थ्य के संबंध में जागरुकता फैलाने एवं मानसिक रोग से पीड़ित लोगों के मदद के लिए समाज में सभी वर्ग के लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
हमें स्कूल से ही पढ़ाया जाता रहा है कि दैहिक, मानसिक, एवं समाजिक रुप से पूर्णतः स्वस्थ्य होना ही स्वस्थ्य है। परन्तु हमारे समाज में दैहिक स्वस्थ्य के अलावा अन्य किसी आयाम को जितना महत्व दिया जाना चाहिए उतना महत्व नहीं दिया जाता है।
मानसिक रोगों को हमेशा ही हीन भावना से देखा गया है, मानसिक रोगी को सामाजिक दृष्टि से हीन भावना से कमजोर एवं उपहास का पात्र माना गया है। इसका इलाज नीम हकीम, मंत्रोपचार, जादुटोना एवं झाड-फूक में सीमित रह कर कराया जाता रहा है।
परन्तु आज विश्व स्तर पर मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेकों रिसर्च किए जा रहे है एवं यह सिद्ध हो चुका है कि मानसिक बीमारियां न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर ही हैं एवं यह मस्तिष्क में केमिकल एवं कई स्नायु परिपथ में गड़बडी हो जाने के कारण होती है। यह दुसरे शारीरिक बिमारी जैसे मधुमेह, थाइराईड जैसा ही है जिसे वैज्ञानिक इलाज से ठीक किया जा सकता है। इन मानसिक रोगों के दायरे में डिप्रेशन, एंग्जाटी, पैनिक डिसआर्डर, नशे की लत, मिर्गी इत्यादी आते है।