बलरामपुर। आदिवासी विकासखंड कुसमी अंतर्गत 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक कन्या छात्रावास अपनी बदहाली रो रहा है। जहां छात्रावास का संचालन प्रभारी अधीक्षिका के देखरेख में ना हो कर रसोईये एवं दैनिक वेतन भोगियों के सहारे चल रहा है। क्योंकि इसका कारण अधीक्षिका को नगर पंचायत कुसमी स्थित दर्रीपारा मे मकान बनवाने से फुर्सत नहीं है, लेकिन विभाग को इसकी सूद लेने की फुर्सत नहीं है आज दिनांक 06.03.2025 को लगभग दोपहर से अधीक्षक महोदया छात्रावास मे नहीं थी जिसकी सूचना मिली।
स्थानीय पत्रकारों के द्वारा जांच पड़ताल किया गया तो पाया गया की अधीक्षिका अपने भवन निर्माण कार्य में व्यस्त है।
आपको बता दें कि अभी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है बच्चों को विशेष ध्यान की आवश्यकता है, उन्हें पूर्ण प्रचुर मात्रा में पोषण आहार मिलना चाहिए, नगर के हृदय स्थल में स्थापित 50 सीटर पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में अध्यनरत छात्राएं एवं उनके माता-पिता मात्र एक प्रभारी अधीक्षिका के भरोसे ही हैं लेकिन अधीक्षिका का यह रवैया अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीनता को दिखाता है, स्थानीय पत्रकारों के द्वारा बीते अंक में भी प्रमुखता से छात्रावास में व्याप्त खामियों को उजागर किया गया था किंतु विभागीय अधिकारियों के द्वारा जांच के नाम से कोरम पूरा करते हुए मामले को नस्तीबद्ध कर दिया गया, फिलहाल विभागीय मौन छात्रावास अधीक्षक महोदया के प्रति बनी हुई है आखिर ऐसी क्या मजबूरी है? सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग को कि वह इस पर ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं, उन्हें किसका डर है? यह एक बड़ा सवाल है? आलम यही रहा तो छात्रावास में अधीक्षिका की गैर मौजूदगी में कोई भी अप्रिय घटना घट सकती है आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा? अधीक्षिका या फिर दैनिक वेतन भोगी मजदूर।
इस संबंध में प्रभारी अधीक्षिका से बात करना चाहा गया लेकिन उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।
मंडल संयोजक प्रदीप गुप्ता कुसमी
जांच किया जाएगा फिलहाल अभी कुछ दिन पूर्व मेरे द्वारा सभी अधीक्षकों का बैठक लिया गया था एवं सख्त निर्देश भी दिया गया था कि किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी फिर भी मामला आपके द्वारा सामने आया है तो जांच किया जाएगा।
सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग बलरामपुर
अभी माननीय मंत्री महोदय आए हुए हैं मैं थोड़ी देर में आपसे बात करती हूं।