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रोजगार से आई खुशहाली: महामाया खदान से 86 युवाओं को मिला रोजगार, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सौंपे नियुक्ति पत्र

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सूरजपुर। आज सुशासन तिहार 2025 के दौरान जरही मे SECL भटगांव द्वारा भूमि अधिग्रहण के एवज मे रोजगार स्वीकृति पत्र वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जहां भूमि अधिग्रहण के एवज में 86 युवाओं को एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के महामाया खदान परियोजना के अंतर्गत रोजगार स्वीकृति पत्र सौंपे गए। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसईसीएल भटगांव क्षेत्र के मुख्य महाप्रबंधक दिलीप बोबड़े ने की, वहीं वन विकास निगम अध्यक्ष रामसेवक पैकरा एवं प्रतापपुर विधायक श्रीमती शकुंतला पोर्ते विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।

इस गरिमामयी अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष चंद्रमणि देवपाल पैकरा, नगर पंचायत जरही अध्यक्ष पूरन राम राजवाड़े, प्रमेश्वरी राजवाड़े, लवकेश पैकरा समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण जन और जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।

रोजगार से आई खुशहाली: महामाया खदान से 86 युवाओं को मिला रोजगार, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सौंपे नियुक्ति पत्र

कार्यक्रम के दौरान मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने युवाओं को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र सौंपे और कहा, “जिस घर में रोजगार आता है, वहां समृद्धि अपने आप चली आती है। कोयला उद्योग देश की रीढ़ है, जो न केवल बिजली उत्पादन करता है, बल्कि हजारों परिवारों को रोजगार देकर उनकी जिंदगी संवारता है।” उन्होंने यह भी अपील की कि जिन परिवारों की भूमि अधिग्रहित हुई है और उन्हें अभी तक रोजगार नहीं मिला है, उन्हें भी शीघ्र अवसर मिले।

विशेष रूप से यह परियोजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई, जहां सात महिलाओं को भी रोजगार प्राप्त हुआ है। नियुक्ति पत्र पाते ही उनकी आंखों में आत्मविश्वास और संतोष की झलक दिखाई दी।

रोजगार से आई खुशहाली: महामाया खदान से 86 युवाओं को मिला रोजगार, मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने सौंपे नियुक्ति पत्र

वन विकास निगम अध्यक्ष रामसेवक पैकरा ने इस अवसर पर कहा, “सूरजपुर खनिज संपदा से भरपूर क्षेत्र है और एसईसीएल जैसी कंपनियां यहां रोजगार की अपार संभावनाएं लेकर आई हैं। महामाया परियोजना इसका जीवंत उदाहरण है।”

नियुक्ति पत्र पाकर युवा गदगद थे। एक स्थानीय निवासी ने भावुक होते हुए कहा, “अब गांव में ही रोजगार मिलने से शहरों की ओर पलायन की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। यह किसी सपने के सच होने जैसा है।” वहीं एक महिला लाभार्थी ने कहा, “यह नौकरी मेरे लिए नहीं, पूरे परिवार के लिए गर्व की बात है। अब मैं आत्मनिर्भर बन सकूंगी।”

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