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फर्जी राशन कार्ड घोटाला: मृत व्यक्तियों के नाम पर उठ रहा है राशन, ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

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राशन दुकान संचालक ने अप्रैल माह का पोस मशीन में लगवाया अंगूठा लेकिन नहीं दिया चना, ग्रामीणों ने की शिकायत।

भैयाथान। ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्यान्न वितरण प्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में सामने आए एक मामले में मृत व्यक्तियों के नाम पर फर्जी राशन कार्ड बनाकर लंबे समय से राशन उठाया जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि नामिनी के सहारे इस अवैध कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। तो वहीं राशन दुकान संचालक ने अप्रैल माह का पोस मशीन में अंगूठा लगवाकर चना नहीं दिया, जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने एसडीएम से की है।

मिली जानकारी अनुसार ग्राम पंचायत बड़सरा के राशन दुकान का संचालन खादय पोषण सुरक्षा एवं सहकारी समिति द्वारा किया जा रहा है, जहाँ खाद्यान्न वितरण में काफी अनियमितता बरती गई है। जिसमे प्रमुख रूप से कार्डधारीयों को एक माह का चना का वितरण कम हुआ है। जहां बीते तीन माह दिसंबर से फरवरी का चना नहीं आया था जिसे मार्च और अप्रैल माह में बांटा गया जहां ग्रामीणों को सिर्फ चार माह का चना वितरण किया गया लेकिन एक माह का चना ग्रामीणों को नहीं दिया गया परन्तु कई राशन कार्ड हितग्राहियों से अप्रैल माह का भी चना कार्ड में अंकित कर पोस मशीन में अंगूठा लगाने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इसके पीछे स्थानीय स्तर पर भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने एसडीएम से की है।

इस दौरान परमेश्वर यादव, रामनारायण यादव, चंद्रिका यादव, श्यामनारायण साहू, शिव कुमार गिरी, रामबली यादव, रामप्रकाश साहू, गोविंद साहू मौजूद रहे।

साल भर पूर्व मृत व्यक्ति के नाम से खाद्यान्न निकला

मानकुंवर का राशन कार्ड क्रमांक 226488482649 है जिनका मृत्यु एक साल पूर्व हो गया है। राशन कार्ड में नॉमिनी में उनके बेटा बाबूलाल का नाम अंकित था लेकिन बाबूलाल का राशन कार्ड अलग है जिसमें वह राशन लेने आया करते थे। तब राशन दुकान संचालक द्वारा पोस मशीन में अंगूठा लगवा कर मृत व्यक्ति का भी खाद्यान्न निकाल लिया करते हैं।

पांच साल पहले मृत महिला के नाम राशन कार्ड जारी, नॉमिनी के सहारे 16 माह से हो रहा है राशन का उठाव

बड़सरा निवासी महिला देवमत की मृत्यु 31अक्टूबर 2020 में हो जाती है लेकिन राशन कार्ड मृत महिला के नाम जनवरी 2024 में बन जाता है और लगभग 16 माह से खाद्यान्न का उठाव भी होने लगता है आखिर मृत व्यक्ति के नाम राशन कार्ड कैसे बना यह बड़ा सवाल है।

सागर सिंह राज अनुविभागीय अधिकारी भैयाथान

पूरे मामले की जांच खाद्य निरीक्षक से कराएंगे। सही पाए जाने पर पुलिस कार्यवाही सहित वसूली की कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रशासन की चुप्पी

राशन कार्डों में नामिनी नियुक्त करने की सुविधा दी गई ताकि राशन दुकानों से खादान्न उठाने में असमर्थ लोगों को नामिनी के सहारे राशन मिल जाए। ऐसे राशन कार्डधारी जिनका आधार सत्यापित तो है लेकिन ई-पास मशीन तक आकर थंब लगाने में असमर्थ हैं उनके लिए नामिनी योजना शुरु हुई है। इसमें 10 वर्ष से कम और 60 वर्ष से अधिक के बुजुर्गों को नामिनी तय करने की पात्रता मिली है। इसके अलावा दिव्यांग भी इस योजना के लिए पात्र हैं। लेकिन इस सुविधा के सहारे फर्जी राशन कार्ड बनाने का खेल भी शुरू हो गया है।इस मामले को लेकर अभी तक प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों ने जिला आपूर्ति अधिकारी से जांच की मांग की है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

सवालों के घेरे में राशन वितरण प्रणाली

इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राशन कार्ड और वितरण की निगरानी व्यवस्था में इतनी बड़ी खामी कैसे रह गई। यदि समय रहते जांच न की गई, तो यह भ्रष्टाचार और भी गहरा सकता है। एक हितग्राही ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि जिला खाद्य कार्यालय में 2000 देने पर मृत व्यक्ति के नाम नॉमिनी के सहारे 35 कि ग्रा वाला राशन कार्ड बना देते हैं।

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