सूरजपुर। जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत महोरा एनीकट में बुधवार को नहाने गए दो किशोरों की डूबने से मौत हो गई। इस हादसे ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। मृतकों की पहचान अग्रसेन वार्ड, सूरजपुर के रहने वाले 15 वर्षीय भानु देवांगन (पिता: कन्हैया देवांगन) और अविनाश देवांगन (पिता: सुशील देवांगन) के रूप में हुई है।
हादसे का विवरण
बताया जा रहा है कि बुधवार दोपहर भानु और अविनाश अपने कुछ दोस्तों के साथ गर्मी से राहत पाने के लिए महोरा एनीकट पहुंचे थे। नहाने के दौरान दोनों किशोर अनजाने में गहरे पानी में चले गए और तेज बहाव की चपेट में आकर डूब गए।
दोस्तों ने तत्काल शोर मचाया, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी। मौके पर पुलिस, डीडीआरएफ टीम और गोताखोरों को भेजा गया। सर्च ऑपरेशन रातभर जारी रहा और गुरुवार दोपहर को दोनों के शव बरामद किए गए।
🛟 रेस्क्यू ऑपरेशन में कई चुनौतियाँ
रेस्क्यू टीम को गहरे पानी और तेज बहाव के चलते भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई घंटों की मेहनत के बाद जब शव निकाले गए, तो वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
⚠ पहले भी हो चुके हैं हादसे, अब भी नहीं सबक
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि महोरा एनीकट में पहले भी इस तरह के हादसे हो चुके हैं, लेकिन आज तक कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था नहीं की गई। लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए स्थायी सुरक्षा उपायों की मांग की है।
🗣 प्रेस क्लब का बयान
सूरजपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रवेश गोयल ने इस दर्दनाक हादसे पर गहरा दुख जताते हुए कहा,
“यह सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है। हर साल यहां जानें जाती हैं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। हम प्रशासन से मांग करते हैं कि पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाए और महोरा एनीकट जैसे खतरनाक स्थलों पर सुरक्षा व्यवस्था की जाए।”
समाज और प्रशासन के लिए चेतावनी
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक स्थलों पर सुरक्षा के अभाव में जरा सी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। जरूरत है कि प्रशासन अब चेत जाए और ऐसे स्थलों पर सुरक्षा गार्ड, चेतावनी बोर्ड और नियमित निगरानी सुनिश्चित करे।
📌 आपकी राय क्या है? क्या प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए? नीचे कमेंट में बताएं।
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