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विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित हुआ बहुआयामी कृषक शिविर

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800 से अधिक किसानों को मिला लाभ, वैज्ञानिकों से मिली आधुनिक खेती की जानकारी

सूरजपुर। कलेक्टर एस. जयवर्धन के निर्देशन में विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आज जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में बहुआयामी कृषक शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का उद्देश्य किसानों को वैज्ञानिक व आधुनिक कृषि पद्धतियों की जानकारी देना, उनकी समस्याओं का समाधान करना तथा नई तकनीकों के प्रति जागरूक करना रहा।

यह शिविर दो पालियों में आयोजित किए गए कृ पूर्वाह्न में सूरजपुर, ओड़गी और दुर्गापुर में तथा अपराह्न में रामनगर, बैजनाथपुर और उमेश्वरपुर में।

पूर्वाह्न सत्र के शिविर में प्रातः सत्र में सूरजपुर, ओड़गी और दुर्गापुर में शिविर आयोजित हुए, जिनमें आसपास के ग्रामों से बड़ी संख्या में कृषकों ने भाग लिया। सूरजपुर शिविर में मानपुर, गोपलपुर, लांची, बेल्टीकरी, देवीपुर, चंपकनगर सहित 14 ग्रामों के किसान शामिल हुए। ओड़गी शिविर में खर्रा, पालदनौली, चिकनी, बांक आदि 11 ग्रामों से किसान पहुंचे, जबकि दुर्गापुर शिविर में चार ग्रामों के कृषकों ने सहभागिता की।

अपराह्न सत्र के शिविर रामनगर, बैजनाथपुर और उमेश्वरपुर में शिविर आयोजित किए गए। रामनगर शिविर में कुल 14 ग्रामों के कृषकों ने भाग लिया, वहीं बैजनाथपुर शिविर में चार और उमेश्वरपुर शिविर में तीन ग्रामों के किसान उपस्थित रहे।

विभागीय विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से मिली जानकारी

शिविरों में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अधिकारियों के साथ कृषि वैज्ञानिक, कृषि सखी, कृषक मित्र और प्रगतिशील किसानों ने जानकारी साझा की। किसानों को मिलेट्स (मोटे अनाज) की खेती, फसल चक्र, प्राकृतिक व जैविक खेती, उन्नत बीज, आधुनिक कृषि यंत्र, जल संरक्षण, मूल्य संवर्धन, पशुपालन और उद्यानिकी से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी गई।

उल्लेखनीय है कि सूरजपुर और रामनगर शिविर में वैज्ञानिक डॉ. के. एल. पैकरा ने मार्गदर्शन दिया, जबकि ओड़गी और बैजनाथपुर शिविर में डॉ. योगेन्द्र राठौर ने किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों से अवगत कराया।

इस दौरान शिविरों में कुल 17 किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी), 12 केसीसी के माध्यम से ऋण, 16 धान बीज, 55 सॉयल हेल्थ कार्ड, 584 फलदार पौधे और 70 कृमिनाशक व अन्य सामग्री का वितरण किया गया।

इन शिविरों में लगभग 800 से अधिक कृषकों ने इन शिविरों का लाभ उठाया। किसानों ने वैज्ञानिकों से अपनी समस्याएं साझा कीं और उनके समाधान पाए। साथ ही उन्होंने आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने की दिशा में रुचि भी दिखाई। यह विकसित कृषि संकल्प अभियान के अंतर्गत आयोजित ये शिविर न केवल किसानों की जानकारी बढ़ा रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर एवं आधुनिक कृषि के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।

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